Thursday, December 4, 2008

Farhat Shehzad - Ghazal "Tanha Tanha Mat Socha Kar"

ग़ज़ल ..............................फरहत शेहजाद

तनहा तनहा मत सोचा कर -----------------मर जाएगा मत सोचा कर

अपना आप गँवा कर तू ने ------------------पाया है क्या मत सोचा कर

धूप में तनहा कर जाता है ------------------ क्यूँ यह साया मत सोचा कर

प्यार घड़ी भर क भी बहुत है ----------------सच्चा झूठा मत सोचा कर

राह कठिन और धूप कड़ी है -----------------कौन आयेगा मत सोचा कर

वो भी तुझसे प्यार करे है -------------------फिर दुःख होगा मत सोचा कर

ख्वाब हकीकत या अफसाना ----------------क्या है दुनिया मत सोचा कर

मूँद ले ऑंखें और चला चल ------------------मंजिल रस्ता मत सोचा कर

जिसकी फितरत ही दसना हो ----------------वो तो डसेगा मत सोचा कर

दुनिया के ग़म साथ हैं तेरे -------------------ख़ुद को तनहा मत सोचा कर

जीना दूभर हो जाएगा ----------------------जाना इतना मत सोचा कर

मान मेरे शेहजाद वगरना -------------------पछतायेगा मत सोचा कर

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