ग़ज़ल ..............................फरहत शेहजाद
तनहा तनहा मत सोचा कर -----------------मर जाएगा मत सोचा कर
अपना आप गँवा कर तू ने ------------------पाया है क्या मत सोचा कर
धूप में तनहा कर जाता है ------------------ क्यूँ यह साया मत सोचा कर
प्यार घड़ी भर क भी बहुत है ----------------सच्चा झूठा मत सोचा कर
राह कठिन और धूप कड़ी है -----------------कौन आयेगा मत सोचा कर
वो भी तुझसे प्यार करे है -------------------फिर दुःख होगा मत सोचा कर
ख्वाब हकीकत या अफसाना ----------------क्या है दुनिया मत सोचा कर
मूँद ले ऑंखें और चला चल ------------------मंजिल रस्ता मत सोचा कर
जिसकी फितरत ही दसना हो ----------------वो तो डसेगा मत सोचा कर
दुनिया के ग़म साथ हैं तेरे -------------------ख़ुद को तनहा मत सोचा कर
जीना दूभर हो जाएगा ----------------------जाना इतना मत सोचा कर
मान मेरे शेहजाद वगरना -------------------पछतायेगा मत सोचा कर
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